लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं
नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं.,.,!!!
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Log har mod pe ruk ruk ke sambhalte kyo hain?
Itna darte hain to fir ghar se nikalte kyo hain?
Mai na jugnu hun, diya hu na taara hu
Roshani wale mere naam se jalte kyo hai?
Neend se mera talluk nahi barso se
Khwab aa aa ke meri chhat pe tahalte kyo hain?
Mod hota hai jawani ka sambhalne ke liye
Aur sab log yahi aake fisalte kyo hai?
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं
नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं.,.,!!!
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Log har mod pe ruk ruk ke sambhalte kyo hain?
Itna darte hain to fir ghar se nikalte kyo hain?
Mai na jugnu hun, diya hu na taara hu
Roshani wale mere naam se jalte kyo hai?
Neend se mera talluk nahi barso se
Khwab aa aa ke meri chhat pe tahalte kyo hain?
Mod hota hai jawani ka sambhalne ke liye
Aur sab log yahi aake fisalte kyo hai?
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