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Urdu Sher, Shayri, Ghazal

वक्त-बेवक्त तेरी यादों का सैलाब तौबा,
बहा ले जाता है, सुकूं मेरी तन्हा रातों का ...!!
Waqt be-waqt teri yaadon ka sailab tauba
Baha le jata hai, sukoon meri tanha raaton ka
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  हमने देखा था शौक-ऐ-नजर की खातिर
ये न सोचा था के तुम दिल मैं उतर जाओगे.,.,!!!
Hamne dekha tha shauk-e-najar ki khatir
Ye na socha tha ke tum dil me utal jao ge
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हम न बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ,
हम जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना होगा..,.!!




Ham na badle ge waqt ki raftaar ke saath
Ham jab bhi mile ge andaaj purana hoga
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"मुझको तो ये गुमान की उसने बचा लिया ,
उसको तो था ये मलाल कि मैं कैसे बच गया...,.,!!!

Mujhko to ye guman ki usne bacha liya
Usko to tha ye malal ki main kaise bach gaya

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मोहब्बत है गज़ब उसकी शरारत भी निराली है,
बड़ी शिद्दत से वो सब कुछ निभाती है अकेले में.,.,!!!

Mohabbat hai gajab uski shararat bhi nirali hai
Badi shiddat se wo sab kuchh nibhati hai akele me
 

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