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Mehfil- 2 Liners, Urdu Sher, Shayri, Kavita, Ghazal in Hindi Font Part-9

वो मेरे पास से गुजरा , न दिल धड़का न लब लरजे ,.,
क़यामत है ख़ामोशी से क़यामत का गुजर जाना ,.,!!!

Wo mere paas se gujra, na dil dhadka na lab larje
Kayamat hai khamoshi se kayamat ka gujar jana

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शायरी करने से लड़की नहीं पटती...
लड़की पटने के बाद शायरी बनती है ,.,!!

Shayari karne se ladki nahin patti
Ladki patne ke bad shayari banti hai

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साकी कहां किस्मत मे अब वो छलकते पैमाने ,.,
हम यादो के पैमाने चुम कर सुखे होठ भीगो लेते है,.,!!

Saaki kahan kismat me ab wo chhalakte paimane
Ham yadon ke paimane choom kar sukhe honth bhigo lete hain
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यही बात उनकी सारे जमाने से जुदा है ,.,
वो हार के भी हार कभी मानते नही,.,!!!

Yahi baat unki sare jamane se juda hai
Wo haar ke bhi haar kabhi mante nahi




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कातिल तू नहीं...कातिल मैं नहीं...चलो मिलकर ढ़ूड़ते हैं...कातिल कौन
 है...?

Kaatil tu nahi .. kaatil mai nahi.. chalo mil kar dhundte hain.. kaatil kaun hai?

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बेवजह रोये जा रहा है वो रोनेवाला ,.,
उसे समझाओ कोई उसका नही होनेवाला,.!!!

Bewajah roye ja raha hai rone wala
Use samjhao koi uska nahi hone wala

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कुछ भी लिखना सरल नहीं है पूछो हम फ़नकारों से
हम सब लोहा काट रहे हैं का़गज़ की तलवरों से,.,!!

Kuchh bhi likhna saral nahi hai poochho ham fankaron se
Ham sab loha kaat rahe hain kaagaj ki talwaron se

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मेरे हिस्से की जमीं बंजर थी मै वाकीफ न था,.,
बेसबब इल्जाम मै देता रहा बरसात को,.,!!!

Mere hisse ki jameen banjar thi mai waqif na tha
Besabab iljaam mai deta raha barsaat ko

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दोस्तों की महफ़िल में अब कहाँ ज़िक्र होता है मेरा,.,
दुश्मनो में तो मेरा चर्चा खूब होता है ..,.!!

Doston ki mehfil me ab kahan jikra hota hai mera
Dushmano me to mera charcha khoob hota hai

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हर मोड़ पे रुके हम आवाज़ देते गये,.,
देखा न मुड़ के तुमने जो तुमने ठान ली...!!

Har mod pe ruke ham awaaj dete gaye
Dekha na mud ke tumne jo tumne than li

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मेरे दुश्मन तक मुझसे अब दूर रहने लगे है,
कहते है.. इसने खुद ही मोहब्बत कर ली,
इसका अब हम क्या बिगाड़े..!!

Mere dushman tak mujhse ab door rahne lage hain
Kahte hai.. isne khud hi mohabbat kar li
Iska ab ham kya bigaden

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अपने मेहमान को पलको पे बिठा लेते है
गरीबी जानती है घर मे बिछौने कम है,.,!!

Apne mehman ko palkon pe bitha lete hai
Gareebi janti hai ghar me bichhaune kam hai

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वो मेरे दिल से बाहर निकलने का रास्ता न ढुंढ सके ,.,
दावा करते थे जो मेरी रग-रग से वाकीफ होने का,.,!!!

Wo mere dil se bahar nikalne ka rasta na dhund sake
Dava karte the jo meri rag rag se waqif hone ka

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मन की चादर बहुत मैली है
आओ चलके गंगा को गंदा करे
बहुत दिनो से सुकुं है यहां
आओ चलके दंगा करे,.,!!!

Man ki chadar bahut maili hai
Aao chalke ganga ko ganda kare
Bahut dino se sukoon hai yaha
Aao chalke danga kare

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इसलिये तो अंधेरा है मैकदे मे बहुत
लोग यहा घरो को जलाकर शराब पिते है

Isliye to andhera hai maikade bahut
Log yaha gharon ko jala kar sharab pete hai

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समझते थे मगर फिर भी न रखी दूरियां हमने
चरागों को जलाने में जला ली उंगलियाँ हमने,..!!    

Samajhte the magar fir bhi na rakhi dooriyan hamne
Charagon ko jalane me jala li ungliyan hamne

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