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Best 2 Liner Urdu Sher in Hindi Font

मैं जानता हूँ मेरी खुद्दारियां तुझे खो देंगी लेकिन ,.,
मैं क्या करूँ ,मुझ को मांगने से नफ़रत है .,.,!!!!!


Main Janta hun meri khuddariyan tujhe kho dengi lekin
Main kya karu mujhko mangne se nafrat hai
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पूछा किसी ने हाल बड़ी मुदत्तों के बाद ,.,
आया मेरा ख्याल बड़ी मुदत्तों के बाद .,.,

करता है वो याद मुझे चाहत से मगर .,.,
होता है ये कमाल बड़ी मुदत्तों के बाद .,.!!!


Poochha kisi ne hal badi muddaton ke bad
Aaaya mera khayal badi muddaton ke bad

Karta hai wo yaad mujhe chahat se magar
Hota hai ye kamal badi muddaton ke bad

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समझ जाता हूँ लेकिन देर से , मैं दाँव -पेंच उसके ,.,.
वो बाज़ी जीत जाता है ,मेरे चालाक होने तक .,.,!!






Samajh jata hun lekin der se , main daanv pench uske
Wo baji jeet jata hai, Mere chalak hone tak
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किस्सा -ए-ग़म , दिल-ए-काफ़िर का सुनाते किसको .,.,
अजनबी शहर का हर शक्श मुसलमान निकला .,.,!!!


Kissa-e-gam, dil-e-kafir ka sunate kisko
Ajnabee shehar ka har shaksh musalman nikla
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बहोत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने .,.,
फ़िर इश्क़ हुआ और हम लावारिस हो गए .,.,!!!


Bahot the mere bhi is duniya me apne
Fir ishq hua aur ham lawaris ho gaye




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इश्क़ मैंने किया पाकीज़ा इबादत की तरह,
और दुनिया ने मुझे समझा तिज़ारत की तरह ,
मेरे अन्दर हूँ मैं दुनिया से यूँ महफूज़ मगर ,
शोहरतें राह में लटकीं इबारत की तरह..,.,.!!!


Ishq maine kiya pakeeja ibadat ki tarah
Aur duniya ne samjha mujhe tijarat ki tarah
Mere andar hun main duniya se yun mahfooj magar
Shohraten raah me latki ibarat ki tarah
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यूँ जलाते हो जैसे सवाब मिलता हो .,.,
दिल है मेरा ,चिराग-ए-मस्जिद तो नहीं ,.,.!!!


Yun jalate ho jaise sabab milta ho
Dil hai mera chirag-e-masjid to nahin
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मैं ख़्वाब हूँ तो ख़्वाब से चौंकाईये मुझे
मैं नीद हूँ तो नींद उड़ा देनी चाहिए.,.,.
बीमार को मर्ज़ की दवा देनी चाहिए
वो पीना चाहता है पिला देनी चाहिए.,.,!!


Main khwab hun to khwab se chaunkaiye mujhe
Main neend hun to neend uda deni chahiye
Beemar ko marj ki dawa deni chahiye
Wo peena chahta hai to pila deni chahiye
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लगा के आग दिल में चले हो तुम, कहाँ हमदम ,
अभी तो राख उड़ने पर तमाशा और भी होगा .,.,!!!
 
 
 
 
 
 
 


Laga ke aag dil me chale ho tum , kahan hamdam
Abhi to rakh udne par tamasha aur bhi hoga

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