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Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-22

इन्हीं रास्तों ने जिन पर मिरे साथ तुम चले थे
मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है,.,.??

Inhi raston ne jin par mere sath tum chale the
Mujhe rok rok poochha tera hamsafar kahan hai ??

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उदास रहता है मोहल्ले में बारिशो का पानी आजकल...
सुना है कागज की नाव बनाने वाले बड़े हो गए...!!!

Udaas rahta hai mohalle me barishon ka paani aajkal
Suna hai kagaj ki naav banane wale bade ho gaye



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माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके
कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम,.,!!

Maana ki is jamin ko na guljaar kr sake
Kuchh khar to kam kar gaye gujare jidhar se ham



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उन का ग़म उन का तसव्वुर उन की याद
कट रही है ज़िंदगी आराम से,.,!!

Unka gam unka tasavvur unki yaad
Kat rahi hai jindagi aaram se



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मुँह छुपाना था तुम्हें पहले ही रोज़
अब किया पर्दा तो क्या पर्दा किया,.,!!!

Muh chhupana tha tumhe to pahle hi roj
Ab kiya parda to kya parda kiya




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अब तो इंसान ही रह गये है...
इंसानियत तो कब की मर गयी....!!!

Ab to insan hi rah gaye hain
Insaniyat to kab ki mar gayi



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दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं
देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन,.,!!!

Dushamano ke sath mere dost bhi aajad hain
Dekhna hai ke kheenchta mujhpe pahla teer kaun



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मेरी हर बात को उल्टा वो समझ लेते हैं
अब कि पूछा तो ये कह दूँगा कि हाल अच्छा है,.,!!!

Meri har bat ko ulta wo samajh lete hain
Ab ki poochha to ye kah dunga ki haal achha hai



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कुछ इस अदा से मिरे साथ बेवफ़ाई कर
कि तेरे बाद मुझे कोई बेवफ़ा न लगे,.,!!

Kuchh is adaa se mere sath bewafai kar
Ki tere bad mujhe koi bewafa na lage



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कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए ,.,!!

Kuchh kah rahi hain aapke seene ki dhadkane
Mera nahi to dil ka kaha maaan jaiye



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दिल हर किसी के लिए नहीं धड़कता ,.,
धड़कनों के भी अपने कुछ उसूल होते हैं ,.,!!!

Dil har kisi ke liye nahi dhadkata
Dhadkano ke bhi apne kuchh usool hote hain



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बहुत गुमनाम से है चाहत के रास्ते
तू भी लापता... मैं भी लापता.!!!

Bahut gumnaam se hai chahat ke raste
Tu bhi laapta .. main bhi laapta



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मत सोच इतना जिन्दगी के बारे में..
जिसने जिन्दगी दी है उसने भी तो कुछ सोचा होगा,.,!!!

Mat soch itna jindagi ke bare me
Jisne jindagi di hai usne bhi to kuchh socha hoga



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उनकी एक झलक पे ठहर जाती है नज़र....खुदाया !
कोई हमसे पुछे...दीवानगी क्या होती है ,.,!!!

Unki ek jhalak pe thahar jati hai najar.. khudaya
Koi hamse poochhe deewangi kya hoti hai



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अकेला वारिस हूँ उसकी तमाम नफरतों का,
जो शख्स सारे शहर में प्यार बाटंता है,.,!!!

Akela vaaris hun uski tamam nafraton ka
Jo shaksh sare shehar me pyar bantata hai



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एक शर्त है साकी
आज होठों से पिला

Ek shart hai saaki
Aaj hontho se pila



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सपना टूटा आँख में, नीद हुई अब दूर
मन आतुर प्रिय मिलन को, बारिश से मजबूर,.,!!!

Sapna toota aankh me, neend hui ab door
Man aatur priya milan ko baarish se majboor



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जब भी होती है गुफ्तगु खुद से,
ज़िक्र तेरा जरूर होता है,.,!!

Jab bhi hoti hai guftgoo khud se
Jikra tera jaroor hota hai



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सूखते पत्ते ने डाली से कहा, 'चुपके से अलग करना'..
वरना..
'लोगों का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा'.!!!

Sookhte patte ne daali se kaha chupake se alag karna varna
Logo ka rishton se bharosa uth jaaye ga



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ऐ मौत आ के हमको खामोश तो कर गई तू,
मगर सदियों दिलों के अंदर, हम गूंजते रहेंगे,.,!!!

Ae maut aa ke hamko khamosh to kar gayi tu
Magar sadiyon dilon ke andar ham goonjate rahe ge



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काट कर मेरी जुबां कर गया खामोश मुझे !
बेखबर को नहीं मालूम कि "मन" बोलता है !!

Kaat kar meri jaban kar gaya khamosh mujhe
Bekhabar ko nahi malum ki man bolta hai



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बारिश में चलने से एक बात याद आई,
फिसलने के डर से वो मेरा हाथ पकर लेती थी...!!!

Barish me chalne se ek baat yaad aayi
Fisalne ke dar se wo mera haath pakad leti thi



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ये कसूर तुम्हारा नहीं, तुम्हारी इन आँखों का है,
नहीं संभलती देख, इश्क में बरबाद लोगों को।

Ye kasoor tumhara nahi tumhari in aankhon ka hai
Nahin sambhalti dekh ishq me barbad logo ko



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ख्वाईशो घर भरा पडा है इस कदर ,,,,
के रिश्ते जरा सी जगह को तरसते है ,,!!

Khwaishon se ghar bhara pada hai is kadar
Ke rishte jara si jagah ko tarasate hain



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काश मैं लौट जाऊँ बचपन की उन गलियों में ~
जहां ना कोई ज़रूरत थी, ना कोई ज़रूरी था..!!

Kaash mai laut jaun bachpan ki un galiyon me
Jahan na koi jarurat thi na koi jaruri tha



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मुद्दत से कोई उसकी छाँव में नहीं बैठा...
वो छायादार पेड़ इसी गम में सुख गया...!!

Muddat se koi uski chhano me nahi baitha
Wo chhayadar ped isi gam me sookh gaya



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शायद तुम कभी प्यासे मेरी तरफ लौट आओ...
आँखों में लिए फिरती हूँ दरिया.. तुम्हारे लिए...!!

Sayad tum kabhi pyaase meri taraf laut aao
Aankhon me liye firti hu dariya tumhare liye



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कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे...

यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे...!!!

Kitne aish se rahte honge kitne itarate honge
Jane kaise log wo honge jo usko bhate honge

Yaaron kuchh to jikra karo uski kayamat bahon ka
Wo jo simatate honge unme wo to mar jate honge



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तुम्हारे चाँद से चेहरे की अगर दीद हो जाए ,.,
कसम अपनी आँखों की ,हमारी ईद हो जाए ,.,!!!

Tumhare chand se chehare ki agar deed ho jaaye
Kasam apni aakhon ki hamari eed ho jaye


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नया नया शौक उन्हे रुठने का लगा है...
खुद ही भूल जाते है कि रूठे किस बात पे थे...!!

Naya naya shauk laga hai unhe roothane ka
Khud hi bhool jate hain k roothe kis bat pe the



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मैं अपनी मोहब्बत में बच्चों की तरह हूँ
जो मेरा है बस मेरा है, किसी और को क्यों दूँ ,.,!!!

Main apni mohabbat me bachhon ki tarah hu
Jo mera hai bas mera hai kisi aur ko kyu dun



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तुझे क्या देखा, खुद को ही भूल गए हम इस क़दर..
कि अपने ही घर आये तो औरों से पता पूछकर,.,!!!

Tujhe kya dekha khud ko hi bhool gaye ham is kadar
Ki apne hi ghar aaye hain auron se pata poochh kar



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बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते
इनको तू बेकार न कर ,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर.

Bade anmol hai ye khoon ke rishte
Inko tu bekaar na kar
Mera hissa bhi tu le le mere bhai
Ghar ke aangan me deewar na kar



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उनसे कह दो मेरी सजा कुछ कम कर दे..
हम पेशे से मुजरिम नहीं बस गलती से इश्क़ हुआ था.


Unse kah do meri saja kuchh kam kar de
Ham peshe se mujrim nahi bas galti se ishq hua tha



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एक छोटा गुनाह मोहब्बत का,
उम्र भर का हिसाब लेता है....!!!


Ek chhota sa gunaah mohabbat ka
Umra bhar ka hisaab leta hai



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यूं समझ लो कि,
लगी प्यास गज़ब की थी और पानी में जहर भी था,
पीते तो मर जाते और न पीते तो भी मर जाते...!!! 


Yun samajh lo ki lagi pyaad gajab ki thi aur pani me jahar bhi tha
Peete to mar jate aur na peete to bhi mar jate 

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